एक रोमांचक नेपाल की बजट यात्रा पार्ट-3
हमारी एक रोमांचक नेपाल की बजट यात्रा के रूट चार्ट के अनुसार अगला पाइंट पोखरा था। खुबसूरत पहाड़ों और झील से घिरे शहर की अद्भुत सुंदरता बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करती है।
गुप्तेश्वर महादेव, पोखरा |
हमें सेतीबेणी से वापसी में शाम हो गई थी। रात संत जी के निवास पर ही रूके। अगले दिन सुबह जल्दी ही नेपाल के प्रसिद्ध शहर और झीलों की नगरी ..
पोखरा की ओर जाना था
दो दिन की मालुंगा यात्रा अविस्मरणीय रही। सुबह सभी लोग अगले सफर की तैयारी में लग गये थे। संत जी से मार्ग की सारी जानकारी प्राप्त करके हम अगला कार्यक्रम तय करने मे लगे थे। तभी ग्राम में एक जगह से चाय नाश्ते के लिये आमंत्रण आया। अतः आग्रह स्वीकार कर के सब उनके घर गये। वहां हमारा बहुत ही आत्मिक स्वागत हुआ।
करीब 9.30 बजे संत जी से विदा ले पोखरा कि ओर चल दिये। पहाड़ी मार्ग पर सडक नागिन सी बल खाती हुई , एक पहाड़ी से दुसरी पहाड़ी तक ,कभी उपर कभी नीचे बहुत ही रोमांचक लग रही थी। इन सब के बीच खुबसुरत नजारे सफर को और खुशनुमा बना रहे थे। हम लोग कभी कभी रूक कर खुबसुरत दृश्यों को भी , चिरस्मृति में संजोने के लिये , अपने अपने मोबाइलों में कैद कर रहे थे। नेपाल यात्रा के हमारे अगले रूट चार्ट में जगत्रदेवी , गलकोट , कमलाती ,वालिंग ,पुतलीबाजार और फेदी खोला होते हुऐ पोखरा शहर था। करीब 98 किमी सिद्धार्थ राजमार्ग का सफर तय करके 1.00 बजे हम पोखरा पहुंचे। यहां पर भी संत जी की कृपा रही और एक परिचीत ने हमें शहर घूमने में मदद की। उन सज्जन के कारण ऐसा लगा ही नहीं की हम अपरिचित स्थान पर घूम रहे हैं।
बस एक ही बात का अफसोस रहा कि काश ऐसे स्थान पर आने के लिये , कम से कम दो से तीन दिन होने ही चाहिये। इतनी खुबसुरत जगह आने पर जल्दी जाने का मन नहीं कर रहा था। यहां के मनमोहक दृश्य और बहुत से दर्शनीय स्थलों की सैर यादगार अनुभव रहा। और हां यहां से प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मुक्तिनाथ जाने का भी मार्ग है।
1. फेवा लेक
2. गुडे लेक
3. बेगनास लेक
4. मेंडी लेक
5. रूपा लेक
6. दिपांग् लेक
7. नियुरेनी लेक
8. खास्टे लेक
9. पोखरा लेक
10. डेविस फाल
11. राम मंदिर
12. भीमसेन मंदिर
13. भद्रकाली मंदिर
14. ढोर वाराही मंदिर
15. श्री विंधेश्वरी मंदिर
16. ताल बाराही मंदिर
17. गुप्तेश्वर महादेव
18. गुंबा मानेसट्री
19. श्री उरगेन छोलिंग बौद्ध मोनेसट्री
20. जंगचूब छोलिंग मोनेसट्री
21. माटेपानी गुंबा
22. पेमा साक्य मोनेसट्री
इंस्टीटयूट
23. अन्नपूर्णा तितली म्युझियम
24. रीजनल म्युझियम
25. अन्तरराष्ट्रीय पर्वतीय म्युझियम
26. गोरखा स्मारक म्युझियम
27. मितेरी पार्क
28. चच्वी पार्क
29. बसुंधरा पार्क
30. होली पार्क
31. पोखरा प्लेनेटेरियम एंड
साईंस सेंटर
( मिरर माजे हाऊस)
32. वर्ल्ड पीस पगोड़ा
33. तुतुंगा व्यूह पाईंट
34. महेन्द्र गुफा
35. चमेरे गुफा
36. सेती नदी धाटी
37. के आई सिंह पुल
38. जि एन रेकी ध्यान केन्द्र
ताल वाराही मंदिर, पोखरा |
पोखरा आने का सही समय:-
पोखरा में दिसंबर और जनवरी में सबसे ज्यादा ठंड रहती है। और मई से अगस्त के माह तक बारिश का मौसम रहता है इसलिये सबसे अनुकुल समय मार्च-अप्रेल और सितंबर से नवम्बर
पोखरा कैसे जाये:-
सडक मार्ग :- काठमांडू से कार ,बस सेवा उपलब्ध
यदि निजी वाहन से जा रहे है। तो बुटवल से सीधा मार्ग है। जगत्रदेवी वालिंग होते हुऐ।
गुप्तेश्वर महादेव घूमने के बाद .हमारे गाईड महोदय ने हाई-वे लिंक रोड पहुंचाकर बिदा ली। हम सबको दिन भर की भागदौड़ के बाद अब भुख सता रही थी। एक दो जगह होटलों में भी गये। किंतु नान वेज की वजह से बात नहीं बनी। धीरे धीरे ठंड भी बढती जा रही थी। अत्यधिक थकान होने से खाना बनाने का भी मन नहीं कर रहा था। आखिर एक जगह शुद्ध शाकाहारी होटल मिल ही गई।
खाना खाकर शाम करीब 6.30 बजे काठमांडू की ओर चले। 205 किमी का सफर था। उस पर बहुत ही व्यस्त राज मार्ग। धीरे धीरे हमारी कार की रफ्तार बढने लगी थी फिर काठमांडू पहुंचने में 4/5 धंटे का समय तो लगेगा ही।
गुप्तेश्वर महादेव,पोखरा |
रात 11.00 बजे काठमांडू से 10 किमी पहले एक ग्राम में मार्ग की जानकारी के लिये रूके । मगर कोई भी व्यक्ति नहीं मिला। अब असमंजस की स्थिती बन रही थी। किधर जायें कोई संकेतक भी नहीं लगा था। अंदाजन ही चल रहे थे। तभी एक सुनसान स्थान पर दो तीन लोग खडे मिले। हमने उनसे जानकारी लेने के लिये कार रोकी किंतु खतरे का अहसास होते ही कार की रफ्तार बढ़ानी दी। करीब 5 किमी चलने के बाद एक वाहन दिखाई दिया उसके सहारे काठमांडू पहुंचे। चलिये अगले अंक में काठमांडू की सैर करेगें।