विश्वमंगल हनुमान जी,तारखेडी के दरबार में
एक कहावत है। जब मन से याद करो तो इच्छा अवश्य पुर्ण होती है। वैसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ। एक पारिवारीक शादी में शामिल होने पेटलावद जाना था। घर के अधिकांश लौग बस से रवाना हो गये थे। हम कुछ सदस्यों को कार से जाना था। सभी ने तय किया तारखेडी हनुमान जी के दर्शन करने चलेगें।
विश्वमंगल हनुमान जी,तारखेडी
सभी अति प्रसन्न थे कि चलो तारखेडी हनुमान जी के दर्शन लाभ भी हो जायेंगें। समय का सद उपयोग कर रास्ते में कहीं पर भी नहीं रूके। हमारे साथ चल रही गाडी के सभी लौग मार्ग से भलीभांति परिचीत थे। इसलिये मार्ग में कोई असुविधा भी नहीं हुई। इंदौर अहमदाबाद हाईवे पर राजगढ ग्राम से थोडा चलने पर तारखेडी के लिये मुडना पडता है। खैर, मंदिर पहुंच कर बडा सकून मिला। प्रागंण में राम धुन के चलते माहौल पूर्ण भक्ति मय था। सभी ने दर्शन कर मंदिर में कुछ देर विश्राम किया। यहां के बारे में जानने कि मेरी उत्सुकता ने स्थानिय भक्तों से मुलाकात करी।
इतिहास
एक वृद्ध सज्जन ने बताया कि महंत श्री राम जी प्रप्पन्न हनुमान जी के अनन्य भक्त थे। सदा हनुमान जी की भक्ति में लीन रहते थे। एक दिन वह हनुमान जी कि अराधना कर रहे थे। तभी उन्हें दिव्य अनुभुति का अहसास हुआ। उसी रात हनुमान जी ने स्वप्न में दर्शन देकर दिव्य मुर्ति के बारे में बताया। प्रातःकाल पुर्ण विधी विधान से खुदाई कर दिव्य प्रतिमा निकाली और जहां आज मंदिर है। वहीं पर स्थापना कर पुजा अर्चना करने लगे।तभी से यहां पर हवन, पुजन ,आरती, सुन्दरकांड और रामायण पाठ तथा राम धुन होती रहती है। सन 1970 से अखंड ज्योत प्रजव्लित है।
आस्था
विश्वमंगल हनुमान जी के भक्तों की आस्था इतनी प्रबल है। कि जब भी कोई नया काम ,नया वाहन अथवा नवीन कार्य का शुभारंभ करता है। तो सर्वप्रथम मंदिर में हनुमान जी के समक्ष उपस्थित होकर उनकी कृपा और सफलता के लिये प्रार्थना करता है।
प्रत्येक मंगलवार को हवन कीर्तन होते है। हनुमान जयंती पर महाआरती के पश्चात प्रसादी वितरण का आयोजन होता है। प्रति वर्ष अश्विन व चैत्र नवरात्रों मे मंदिर में विशेष साज सज्जा की जाती है। अखंड रामायण पाठ किये जाते है।
विश्वमंगल हनुमान जी,तारखेडी
एक बार यहां दर्शन कर अनुभव कर सकते है। हनुमान जी के एक और दिव्य चमत्कारी अति प्राचीन बलवारी हनुमान मंदिर तक पद यात्रा कर सुखद दिव्य अनुभूति का अहसास होगा । यकीन ना हो तो एक बार कर के देखे ।
कैसे पहूंचें
निकटतम रेल्वे स्टेशन मेधनगर व बामनिया हैं। जो कि रतलाम बडौदा रेल मार्ग पर स्थित है। यहां से बस अथवा छोटे वाहन से मंदिर पहूंच सटते है।
निकटतम सर्व सुविधा युक्त ग्राम पेटलावद है।
सडक मार्ग से इंदौर अहमदाबाद हाईवे पर राजगढ से आगे पेटलावद मार्ग पर जाना होता है।
जय सियाराम
विश्वमंगल हनुमान जी,तारखेडी के दरबार में
एक कहावत है। जब मन से याद करो तो इच्छा अवश्य पुर्ण होती है। वैसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ। एक पारिवारीक शादी में शामिल होने पेटलावद जाना था। घर के अधिकांश लौग बस से रवाना हो गये थे। हम कुछ सदस्यों को कार से जाना था। सभी ने तय किया तारखेडी हनुमान जी के दर्शन करने चलेगें।
विश्वमंगल हनुमान जी,तारखेडी
सभी अति प्रसन्न थे कि चलो तारखेडी हनुमान जी के दर्शन लाभ भी हो जायेंगें। समय का सद उपयोग कर रास्ते में कहीं पर भी नहीं रूके। हमारे साथ चल रही गाडी के सभी लौग मार्ग से भलीभांति परिचीत थे। इसलिये मार्ग में कोई असुविधा भी नहीं हुई। इंदौर अहमदाबाद हाईवे पर राजगढ ग्राम से थोडा चलने पर तारखेडी के लिये मुडना पडता है। खैर, मंदिर पहुंच कर बडा सकून मिला। प्रागंण में राम धुन के चलते माहौल पूर्ण भक्ति मय था। सभी ने दर्शन कर मंदिर में कुछ देर विश्राम किया। यहां के बारे में जानने कि मेरी उत्सुकता ने स्थानिय भक्तों से मुलाकात करी।
इतिहास
एक वृद्ध सज्जन ने बताया कि महंत श्री राम जी प्रप्पन्न हनुमान जी के अनन्य भक्त थे। सदा हनुमान जी की भक्ति में लीन रहते थे। एक दिन वह हनुमान जी कि अराधना कर रहे थे। तभी उन्हें दिव्य अनुभुति का अहसास हुआ। उसी रात हनुमान जी ने स्वप्न में दर्शन देकर दिव्य मुर्ति के बारे में बताया। प्रातःकाल पुर्ण विधी विधान से खुदाई कर दिव्य प्रतिमा निकाली और जहां आज मंदिर है। वहीं पर स्थापना कर पुजा अर्चना करने लगे।तभी से यहां पर हवन, पुजन ,आरती, सुन्दरकांड और रामायण पाठ तथा राम धुन होती रहती है। सन 1970 से अखंड ज्योत प्रजव्लित है।
आस्था
विश्वमंगल हनुमान जी के भक्तों की आस्था इतनी प्रबल है। कि जब भी कोई नया काम ,नया वाहन अथवा नवीन कार्य का शुभारंभ करता है। तो सर्वप्रथम मंदिर में हनुमान जी के समक्ष उपस्थित होकर उनकी कृपा और सफलता के लिये प्रार्थना करता है।
प्रत्येक मंगलवार को हवन कीर्तन होते है। हनुमान जयंती पर महाआरती के पश्चात प्रसादी वितरण का आयोजन होता है। प्रति वर्ष अश्विन व चैत्र नवरात्रों मे मंदिर में विशेष साज सज्जा की जाती है। अखंड रामायण पाठ किये जाते है।
विश्वमंगल हनुमान जी,तारखेडी
एक बार यहां दर्शन कर अनुभव कर सकते है। हनुमान जी के एक और दिव्य चमत्कारी अति प्राचीन बलवारी हनुमान मंदिर तक पद यात्रा कर सुखद दिव्य अनुभूति का अहसास होगा । यकीन ना हो तो एक बार कर के देखे ।
कैसे पहूंचें
निकटतम रेल्वे स्टेशन मेधनगर व बामनिया हैं। जो कि रतलाम बडौदा रेल मार्ग पर स्थित है। यहां से बस अथवा छोटे वाहन से मंदिर पहूंच सटते है।
निकटतम सर्व सुविधा युक्त ग्राम पेटलावद है।
सडक मार्ग से इंदौर अहमदाबाद हाईवे पर राजगढ से आगे पेटलावद मार्ग पर जाना होता है।
जय सियाराम