अतिप्राचीन जलप्रपात श्री गंगा महादेव
सभी जरुरी सामान शनिवार शाम को ही गाडी में रख दिये। अगले दिन रविवार को हम लोग श्री गंगा महादेव की ओर चल दिये। हल्की हल्की ठंड में सुबह का सफर बडा सुहाना लग रहा था। सभी बडे खुश थे। बहुत दिनों बाद कहीं बाहर जाने का मौका मिला। रास्ते में एक होटल पर रुके। गर्म गर्म जलेबी और पोहे देख अपने आप को रोक नहीं सके। सभी ने नाश्ता किया व चाय पी कर तरोताजा हो गये।
श्री गंगा महादेव बहुत ही प्राचीन जलप्रपात है। जंगल के मध्य यह स्थान हरियाली से आच्छादित अति रमणीय मनमोहक स्थान है।
श्री गंगा महादेव जल प्रपात |
हम लोग करीब 8.00 बजे पहुंच गये। गाडी पार्किंग कर प्रवेश द्वार की ओर चल दिये। प्रवेश द्वार के करीब से ही सीढियां उतरने पर सामने ही मनोहारी जलप्रपात दिखाई दिया। हल्की हल्की पानी की बुंदे बहुत सुकून दे रही थी। काफी ऊंचाई से गिर रहे झरने की तीव्र ध्वनि ने रोमांचित कर दिया। सामने पानी के कुंड में बहुत से दर्शनार्थी नहाने का आनंद ले रहे थे। वाकई बहुत ख़ूबसूरत जगह है। कहते है बारिश में तो यहां की छटा और निराली हो जाती है। चारों ओर फुलों की सुगंध और पक्षियों की चहचहाहट से वातावरण गूंजायमान रहता है। शिवरात्री पर मेले का आयोजन होता है। विशेषकर सावन माह में ज्यादा गहमा गहमी रहती है।
श्री गंगा महादेव झरना |
ने मंत्र-मुग्ध कर दिया। कहते है यहां पर बहुत से औषधीय वृक्ष भी है किंतु जानकारी के अभाव में हम वहां तक नहीं पहुंच पाए। कुंड से थोडा आगे जाने पर खुले मैदान में हरियाली और घनी होती जा रही थी। सभी अपनी तरह से आनंद लेने लगे। हम लोग भी एक चट्टान पर बैठकर दृश्यों को निहार रहे थे।
यह स्थान इंदौर -अहमदाबाद हाई वे पर स्थित धार से करीब 20 किमी दूर ग्राम सुलतानपुर के समीप है। बोधवाडा तक हाई वे है यहां से श्री गंगा महादेव जी निजी वाहन से ही जा सकते है । शाम की वापसी के साथ आज की
पिकनीक पार्टी का समापन हुआ।
जय श्री कृष्ण
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