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जामनगर का अनोखा मुक्तिधाम


                                                                   जय श्री कृष्णा 
 

                 कैम छो ,मज्जा मा , अभिवादन के साथ आज हम लोग राजकोट मे है।यह चौटिला से मात्र 45किमी दूर  एक बहुत सुंदर, साफ शहरो की गिनती में आता है इस शहर को ठाकुर साहब विभा जी जडेजा ने सन 1612ई. में बसाया था।अजी और न्यारी नदी किनारे बसे इस शहर की प्राकृतिक छटा भी बडी निराली है।


प्रद्युम्न पार्क, राजकोट

पहले ये सौराष्ट्र की राजधानी हुआ करता था।सारे राज काज यही से संचालित हुआ करते थे।महात्मा गांधी जी का बाल्यकाल यही पर गुजरा उन्होने अलफ्रंट हाई स्कूल मे शिक्षा ग्रहण की।उनके पिता करमचंद जी सौराष्ट्र रियासत मे दीवान रहे। यहां प्रमुख रूप से दर्शनीय स्थल काबा गांधी ना, राजकुमारी उधान, जुबली पार्क, वाटसन संग्रहालय  ,राम कृष्ण आश्रम  ,लाल परी झील, अजी डेंम, रंजीत विलास पैलेस और सरकारी दुगध डेयरी है । प्रद्युम्न पार्क को बहुत ही सुंदर तरीके से विकसीत किया है।


जामनगर का अनोखा मुक्तिधाम
प्रद्युम्न पार्क, राजकोट 


श्री स्वामी नारायण मंदिर की अपनी अलग ही वास्तुकला है बहुत सुंदर देखने योग्य ।एक पुरा दिन घूमने मे लगा।
हमे जामनगर पहुंचने के लिये 132किमी का सफर करना था सो जल्द ही राजकोट को बिदा कह दिया।लगातार चलने पर भी तीन धंटे तो लगना ही है। करीब रात 8.30 बजे जामनगर पहुंचे।शहर लाईटों से जगमगा रहा था।जल्द ही होटल तलाश की।  जामनगर  अरब सागर से लगा कच्छ की खाड़ी के दक्षिण मे स्थित इस शहर को नवानगर के महाराजा जाम साहेब ने सन 1540 में बसाया था।शहर के मध्य एक झील है और दो इमारतें कोठा बैस्टिआन व लसोट।इन इमारतों तक पत्थर के पुल से ही पहुंचा जा सकता है।इस शहर को पीतल नगर, तेल शहर व काठियावाड का रत्न नाम से भी जाना जाता है ।यहां के मुख्य पर्यटन स्थल लकोटा म्युझियम, डा. आंबेडकर उधान, काली मंदिर, जैन मंदिर, श्री कृष्ण प्रणामी संप्रदाय का मूल, खिजड़ा मंदिर, श्री स्वामीनारायण मंदिर, शाही महल, प्रताप विलास पैलेस, रिलायंस आईल रिफायनरी और माणिक भाई मुक्तिधाम। 


जामनगर का अनोखा मुक्तिधाम
मुक्ति धाम,जामनगर

मुक्तिधाम की विशेषता है कि जो भी यहां आता है ,देखने जरूर जाता है बहुत ही कलात्मक तरीके से जीवन का परिचय और अंत मे अंतिम यात्रा का सच मुर्ति व कला-कृतियों की सहायता से समझाया गया है।


जामनगर का अनोखा मुक्तिधाम
मुक्ति धाम, जामनगर

 इसके अतिरिक्त नराना मेरिन नेशनल पार्क, बाल हनुमान मंदिर, रणमल लेक, शिवराजपुर बीच व बुझियो कोठों जो कि युद्ध काल मे राजा तथा राजपरिवार के सुरक्षित बाहर निकलने का मार्ग था।
  
जामनगर का अनोखा मुक्तिधाम
जामनगर 

यहां का प्रसिद्ध खाना स्पाइसी धुधरा है। चलिये कल हम  मिलेगे  श्री कृष्ण की कर्म भूमि द्वारका मे तब तक के लिए ..               


जय श्री कृष्ण 


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